कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो एक विस्तृत स्टेप- बाई-
स्टेप स्टोर किए गए निर्देशों के प्रोग्राम के निर्देशन में आटोमेटिक
रुप से डाटा को एक्सेप्ट और स्टोर
करता है उन्हें मैनीपुलेट करता
है और आउटपुट रिजल्ट प्रस्तुत
करता है इसकी कई विशेषताएं हैं जिन्होंने मानव मस्तिष्क की शक्ति
बढ़ाने में मदद की है हम कह सकते हैं कि यांत्रिकीय मशीनों ने मानव
के शरीर की क्षमता में वृद्धि
की है और कंप्यूटर में मानव
के मस्तिष्क की क्षमता
में वृद्धि की है
·
कंप्यूटर क्या है ?
·
कंप्यूटर का इतिहास
·
कंप्यूटर
सिस्टम का बेसिक कंपोनेंन्ट्स
· हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का कॉन्सेप्ट
·
डाटा
प्रोसेसिंग का कॉन्सेप्ट
·
सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के एप्लीकेशन्स
कम्प्यूटर क्या है? (What is computer?)
कंप्यूटर
एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो निर्देशों के एक सेट जिसे प्रोग्राम कहा जाता
है के अनुसार विभिन्न प्रकार
के कार्य करती है इसके बाद यह रिजल्ट को डिस्प्ले
या प्रिंट करती है कंप्यूटर
एक आम उद्देश्य वाली मशीन है जो इसमें फीड किए गए निर्देशों के एक सेट को अनुसार
रा फैक्ट्स को मैनिपुलेट करती है।
- · रा फैक्ट्स को डाटा कहा जाता है।
- · मीनिंग फुल डेटा से सूचना बनती है।
- · जो कमांड कम्प्यूटर को ये बताते है कि उसे क्या करना है, उन्हें निर्देश कहा जाता है।
- · एक मसीन के रूप में कम्प्यूटर और इससे जुड़े हुए अन्य सभी उपकरण, हार्ड वेयर बनाते हैं।
- · निर्देश, जो ऐसे बताते हैं कि क्या करना है, प्रोग्राम कहलाते हैं।
- · प्रोग्रामो का एक सैट जो एक खास काम करता है, को सॉफ्टवेयर कहा जाता है।
"कंप्यूटर" शब्द की उत्पत्ति
कंप्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ है कैलकुलेट गणना करना
अतः एक कंप्यूटर को आमतौर
पर एक केलकुलेटिंग डिवाइस माना
जाता है जो अर्थमेटिक ऑपरेशन को तेजी
से करता है लेकिन अधिक सही तौर पर कहा जाए तो एक कंप्यूटर को ऐसी डिवाइस
के रूप में परिभाषित किया जाता
है जो डाटा को ऑपरेट करता है।
«
एक कंप्यूटर ना केवल
डाटा को स्टोर और प्रोसेस करता है बल्कि
डाटा को रिट्रीव भी करता
है अर्थात इसकी मेमोरी
या स्टोरेज में से जब और जैसी
जरूरत होती है डाटा को बाहर भी लाया जा सकता है अतः कंप्यूटर एक आम शब्द
है जो एक इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग मशीन को रेफर करता है जो विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में प्रयोग किया जाता
है।
2 मुख्य प्रकार के कम्प्यूटर निम्न हैं:
1.
ऐनालॉग
2.
डिजिटल
ऐनालॉग कंप्यूटर्स
एनालॉग कंप्यूटर ऐसी सूचनाओं को हैंडल या प्रोसेस करता है जो भौतिक प्रकृति की होती हैं जैसे तापमान प्रसार आदि एनालॉग या समकक्ष भौतिक वैल्यू को मापने पर आधारित होते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर
डिजिटल कंप्यूटर
ऐसी सूचनाओं
को प्रोसेस करते हैं जो विशेष
रूप से बायनरी या टू- स्टेट
में होती है जैसे 0 और 1 जब कंप्यूटर की बात होती
है तब हम अधिकतर डिजिटल टाइप
की इलेक्ट्रॉनिक मशीन को ही रेफर
करते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर माइक्रो
कंप्यूटर ,मिनी कंप्यूटर ,मेनफ्रेम और सुपर
कंप्यूटर की रेंज के अंतर्गत आते हैं जिन्हें
साइज के ऐसेंडिंग आर्डर जैसे
स्माल मीडियम लार्ज और वेरी
लार्ज में वर्गीकृत किया गया है।
हैड हेल्ड या मोबाइल कंप्यूटिंग डिवाइसेस
हैंड हेल्ड या मोबाइल कंप्यूटिंग डिवाइस
छोटी कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल
डिवाइस इस होती हैं जो आमतौर से उन लोगों द्वारा प्रयोग की जाती
है जो एक मोबाइल वातावरण में कार्य
करते हैं जैसे डिलीवरी सर्विसेज यूटिलिटी
कंपनी सेल्समेन ट्रेवलिंग बिजनेसमैन आदि यह लोगों को प्रभावी ढंग से कम्युनिकेट करने और एक निश्चित संगठनात्मक इंफॉर्मेशन सिस्टम के साथ इंटरैक्ट
करने में मदद करता है जहां हो सकता है कि उन्हें भेजा जाए।
नीचे कुछ मोबाइल डिवाइसेस दी गई हैं:
- · लैपटॉप और नोटबुक्स
- · पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट्स
- · टेबलेट PC
लैपटॉप एवं नोटबुक्स
लैपटॉप एक छोटी
कॉम्पैक्ट
और पोर्टेबल मशीन है जो बैटरी
पावर पर चलती है आप इसे खोलकर अपनी गोद में रखकर काम कर सकते हैं और इसी वजह से इसका नाम लैपटॉप पड़ा है इसे आप आसानी
से अपने सूटकेस में रखकर
कहीं भी ले जा सकते हैं यह अपेक्षाकृत कीमती है और मुख्य
रूप से इसे सीनियर एक्जीक्यूटीब्स या संवाददाता, जो अक्सर टूर पर रहते हैं इस्तेमाल करते हैं।
पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट्स
पर्सनल
डिजिटल असिस्टेंट्स एक हैंड होल्ड कंप्यूटर है और इसे ज्यादातर
लोग पामटॉप के नाम से जानते
हैं इसमें एक टचस्क्रीन होती है और डाटा
स्टोरेज के लिए एक मेमोरी कार्ड होता
है पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट्स का प्रयोग प्रभावी ढंग से पोर्टेबल
ऑडियो प्लेयर वेब ब्राउज़र
और स्मार्टफोंस के रूप में किया
जा सकता है इनमें अधिकांश इंटरनेट एक्सेस
ब्लूटूथ या वाईफाई कम्युनिकेशन द्वारा
करते हैं।
Ø आजकल बहुत से
स्मार्ट फोन आ गए है जिन्हें मोबाईल कहते है|
टैबलेट PC
टैबलेट या PC टैबलेट मध्यम आकार का मोबाइल कंप्यूटर होता है जो एक फ्लैट टच स्क्रीन में इंटीग्रेटेड होता है और प्रमुख रूप से स्टाइल्स, डिजिटल पेन या फिंगरटिप इनपुट का प्रयोग करता है इसके साथ ही इसमें फिजिकल कीबोर्ड की जगह एक वर्चुअल ऑन स्क्रीन कीबोर्ड भी होता है यह एक टच-पैड डिवाइस है जो स्मार्ट फोन और लैपटॉप दोनों की विशेषताओं और गुणों को कंबाइन करती है। टैबलेट पीसी में इंटरनेट और लोकल नेटवर्क कनेक्शन के लिए एक वायरलेस एडैप्टर होता है टैबलेट पीसी के लिए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, वेब ब्राउज़र, गेम्स और कई तरह के एप्लीकेशन्स शामिल होते हैं लेकिन, क्योंकि पोर्टेबल कंप्यूटर हार्डवेयर कंपोनेंट्स कम पावर के होते हैं अतः वो PC एप्लीकेशन्स जिनमें अधिक समय तक कार्य की जरूरत होती है यूजर के लिए अच्छा अनुभव प्रदान नहीं कर सकते हैं।
एप्पल कंप्यूटर में एक बेहतर फिफ्थ जनरेशन टैबलेट आईपैड-5 को लांच किया है जो अपेक्षाकृत पतले सेल में अधिक पावर को सहेज कर रखता है।
अत्याधुनिक 12 इंच का टैबलेट पीसी जो डिक्सन रिटेल पीएलसी ने बनाया है एंड्रॉयड ओरियो रन करता है इसमें 4 गीगाहर्ट्ज ने वीडियो आगरा चिपसेट होता है सिक्स जीबी रैम होती है और 20 MP कैमरा होता है वाईफाई कनेक्टिंग होती है ब्लूटूथ सिक्स पॉइंट वन एक माइक्रो एसडी कार्ड स्लॉट एक रिपोर्ट ऑडियो प्लेयर 4K के वीडियो सपोर्ट करता है।
कंप्यूटर का इतिहास
पहले के कंप्यूटर काफी कीमती होते थे और केवल बड़े संगठन ही उन्हें खरीद सकते थे लेकिन हाल के कुछ वर्षो में, सूचना तकनीक के कुछ क्षेत्रों में आई नई तकनीको एवं विकास ने कंप्यूटर को छोटे संगठनों और लोगों की पहुंच के अंदर ला दिया है| कंप्यूटर को पांच जनरेशन्स में बांटा गया है इन्हें नीचे बताया गया है।
फर्स्ट जनरेशन
एकर्ट और मोकली ने 1946 में एक नई कंपनी स्थापित की इस कंपनी को 1949 में यूनिटेक डिवीजन के नाम से रेमिग्टन रैंड में शामिल कर लिया गया | 1951 में इस कंपनी द्वारा बनाई गई पहली मशीन UNIVAC-1 को ब्यूरो ऑफ सेंसस में आपरेशनल बनाया गया | इस मशीन में डाटा इनपुट और आउटपुट के लिए मैग्नेटिक माध्यम का प्रयोग किया |यह इतनी मजबूत थी की इसे दिन के पूरे 24 घंटे तक चलाया जा सकता था और इसने 1963 तक सफलतापूर्वक कार्य किया एक और इसी तरह की मशीन को बड़ी संख्या में निर्मित किया गया और 1954 में इसे बिजनेस एप्लीकेशन में डाला गया इन मशीनों को फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर कहा जाता है यह कंप्यूटर्स वाल्व तकनीक का प्रयोग करते थे और उनकी मुख्य बाधा थी ज्यादा पावर की खपत और ज्यादा विश्वसनीयता का ना होना।
सेकेंड जनरेशन
ट्रांजिस्टर तकनीक के आविष्कार के बाद, सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर सामने आए यह कंप्यूटर साइज़ में छोटे, अधिक विश्वसनीय और अधिक कुशल थे इस मशींस ने इंग्लिश के तरह की भाषा जिसे हाई लेवल लैंग्वेज कहा गया जो कार्य की सुविधा एवं बिजनेस तथा वैज्ञानिक विश्लेषण के एप्लीकेशन के लिए प्रयोग किया कई अमेरिकन और यूरोपियन कंपनीज ने एक मशींस का निर्माण किया इनमें से एक आईबीएम 1401 सबसे अधिक लोकप्रिय थी।
थर्ड जनरेशन
साठ के दशक में इंटीग्रेटेड सर्किट जिन्हें आईसी (IC) के नाम से पहचाना जाता है माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में आए| वो कंप्यूटर्स, जिनमें ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का प्रयोग होता था, को दो तरफा लाभ मिला, एक ओर उनकी कीमतें घटी और दूसरी ओर उनकी साईट भी छोटी हुई| इसके अलावा इन मशींस में पावर की खपत भी कम होती थी और ये काफी विश्वासनीय भी थी| इन मशींस में अधिक वर्षाटाइल प्रोग्राम्स का प्रयोग होता था| जैसे रियलटाइम ऑपरेटिंग सिस्टम, मल्टीप्रोग्रामिंग तकनीक और डेटाबेस मैनेजमेंट IBM 370 इस जनरेशन की बहुत ही शक्तिशाली मशीन है।
फोर्थ जनरेशन
फोर्थ जनरेशन के कंप्यूटर मुख्य तौर पर माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित होते हैं जिनमें लार्ज स्केल इंटीग्रेशन चिप्स और वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन चिप्स होते हैं इस जनरेशन की मशीन की कीमत और साइज को कम करने में हुई क्रांति माइक्रोप्रोसेसर चिप के आविष्कार ने की है उदाहरण -
1.
यह मशीन्स
अधिक तेज हैं कम कीमत वाली हैं और इनमें थर्ड जनरेशन कंप्यूटर्स की समान साइज वाली मशीन्स की अपेक्षा अधिक डाटा प्रोसेसिंग क्षमता है।
2.
यह कंप्यूटर्स डाटा फीड करने के लिए एडवांस्ड तकनीक का प्रयोग करते हैं और बाहरी विश्व के प्रयोग के लिए प्रोसेस्ड डेटा को बाहर लाने में भी एडवांस्ड तकनीक का प्रयोग करते हैं इन्हें विश्व के एक भाग से दूसरे भाग तक तेज गति से सूचना पहुंचाने के लिए सेटेलाइट कम्युनिकेशन लिंक्स के साथ भी कनेक्ट किया जा सकता है।
3.
यह मशीन एडवांस एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पैकेजेस जैसे प्रोसेस कंट्रोलर्स कंप्यूटर एडेड डिजाइन इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट और रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट का प्रयोग करते हैं इसलिए टेबल टाइपराइटर के आकार की इन मशींस में वही पावर होती है जो थर्ड जनरेशन के बहुत बड़े कंप्यूटर्स में उपलब्ध होती थी।
फिफ्थ जनरेशन
यह मशीन्स पैरेलल प्रोसेसिंग एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हैं ठीक वैसे ही जैसे मानव मस्तिष्क में प्रयोग होती है इसीलिए इन कंप्यूटर्स को इस प्रकार बनाया गया है ताकि यह मानव की तरह सोच सके| ये व्यापक पैमाने पर सूचना को स्टोर कर सकते हैं सही और समय से निर्णय ले सकते हैं तथा एक्सपर्ट जजमेंट भी दे सकते हैं यह मशीन जब पूरी तरह से विकसित हो जाएंगी तब यह नॉन न्यूमेरिकल डाटा जैसे पिक्चर्स, ग्राफ आदि को भी प्रोसेस करने में सक्षम हो सकेंगी| यह तेजी से कार्य करने के लिए नई तरह के इंटीग्रेटेड सर्किट्स का प्रयोग करेंगे|ये फाइबर ऑप्टिक्स,बबल मेमोरी और वॉएस रिकाग्नीशन तकनीक का भी प्रयोग कर सकेंगे| इस तरह
की मशीन्स यू.एस. और जापान में विकसित की जा रही हैं| जो देश इस तरह की मशीन्स के
साथ पहले सामने आएगा वही कंप्यूटर्स की रेस का विजेता होगा।
कंप्यूटर्स की विशेषताएँ
स्पीड
कंप्यूटर एक बहुत तेज डिवाइस है यह कुछ सेकेंड में उतना काम कर सकता है जितना एक आदमी पूरे साल लगातार काम करते रहने के बाद करता है इसे दूसरी तरह से कहा जाए तो एक कंप्यूटर एक मिनट में उतना काम करता है जो एक आदमी को करने में पूरी जिंदगी लग जाती है कंप्यूटर की स्पीड अथवा गति आमतौर पर 2 से 4 गीगाहर्ट्ज होती है एक शक्तिशाली कंप्यूटर एक सेकंड में 10 से 40 मिलियन एरिथमैटिक कैलकुलेशन कर पाने में सक्षम होता है।
ऐक्यूरेसी
एक कंप्यूटर की ऐक्यूरेसी अथवा परिशुद्धता हमेशा हाई होती है एवं एक विशेष कंप्यूटर की एक्यूरेसी की डिग्री, उसके डिजाइन पर निर्भर करती है| लेकिन एक विशेष कंप्यूटर के लिए, प्रत्येक कैलकुलेशन सामान एक्यूरेसी से किया जाता है कंप्यूटर में ऐरर हो सकता है लेकिन यह मुख्यत: तकनीकी कमियों से ज्यादा मानव एक्शन के कारण होता है अर्थात प्रोग्रामर की गलत सोच के कारण ( प्रोग्रामर वह व्यक्ति होता है जो एक निश्चित समस्या को सुलझाने के लिए कंप्यूटर के लिए निर्देश लिखता है) या गलत डाटा इनपुट
करने के कारण ऐसा होता है।
कंसिस्टेंसी
मानव के ठीक विपरीत, कंप्यूटर्स वो मशीन्स हैं जो बहुत अधिक कंसिस्टेंट होती हैं अर्थात ये अविरोधी रूप में कार्य करती हैं यह कभी बोर भी नहीं होती है कंप्यूटर कभी भी इस बात की शिकायत नहीं करते हैं कि उन्हें हमेशा एक जैसा ही काम करना पड़ता है अतः यह रिपीटीटिव और वॉल्यूमिनस कार्य को वर्ष के 365 दिन और 24 घंटे तक कर पाने के लिए एक आदर्श मशीन है।
स्टोरेज क्षमता
आजकल के कंप्यूटर्स बहुत सारा डाटा स्टोर कर सकते हैं एक बार रिकॉर्ड होने के बाद, सूचना का एक छोटा सा भाग भी भूला नहीं जाता है (जब तक कि कोई समस्या ना हो जाए) और कोई भी सूचना प्राय: तुरंत ही प्राप्त की जा सकती है आपको स्टोरेज क्षमता का आइडिया देने के लिए, एक सीडी रोम में एक पूरी एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका आ सकती है या इससे भी अधिक| एक पूरी मूवी को CD पर स्टोर करके रखा जा सकता है और उसे कंप्यूटर पर बिना गड़बड़ी के बहुत बार चलाया जा सकता है।
फ्लेक्सिबिलिटी
एक कंप्यूटर शायद पहली जनरल परपस मशीन है जिसे मानव ने बनाया था अन्य सभी मशीन्स जैसे टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर, या टाइपराइटर, केवल एक ही काम करते हैं जिसके लिए उन्हें बनाया गया है इनके ठीक विपरीत, एक कंप्यूटर में म्यूजिक चल सकता है, इसमें मूवीज देखी जा सकती है, लेटर्स टाइप किए जा सकते हैं, फैक्स भेज सकते हैं, बीमारी को डायग्नोज कर सकते हैं,बिल्डिंग और ब्रिजेस को
डिज़ाइन कर सकते हैं आदि| अन्य शब्दों में कहा जाए तो कंप्यूटर के कार्यो में लचीलापन या फ्लेक्सिबिलिटी होती है।
«
कंप्यूटर एक वर्सेटाइल मशीन है और इसका उपयोग केवल आपकी कल्पना के द्वारा ही सीमित किया जा सकता है आजकल के तेजी से विकसित होने वाले तकनीकी विश्व में, एक ऐसा एरिया ढूंढना बहुत ही मुश्किल या शायद नामुमकिन ही होगा जहां कंप्यूटर्स का प्रयोग हमारे फायदे के लिए नहीं होता हो।
कंप्यूटर के बेसिक ऐप्लीकेशंस
कंप्यूटर एक जनरल परपस टूल है, जो विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकता है आप विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर पैकेजेस को बदलकर कंप्यूटर को अलग-अलग एप्लीकेशन्स के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
«
एक पैरोल प्रिंट करने के लिए, प्रोग्राम या निर्देशों का एक सेट प्रयोग किया जा सकता है जबकि कुछ डिजाइन बनाने के लिए उसी कंप्यूटर का प्रयोग अलग निर्देशों का सेट प्रयोग कर के किया जा सकता है।
कंप्यूटर के कुछ कॉमन उपयोग नीचे दिए गए हैं :-
वैज्ञानिक रिसर्च
कंप्यूटर का प्रयोग वैज्ञानिक रिसर्च में सबसे पहले किया गया कंप्यूटर की स्पीड एवं ऐक्यूरेसी ने वैज्ञानिक विश्लेषण को तेजी से करने में मदद की| कंप्यूटर नियंत्रित रोबोट्स का प्रयोग उन क्षेत्रों में होता है जहां मानव जीवन के लिए खतरा होता है उदाहरण के लिए, कंप्यूटर का प्रयोग नाभिकीय रिसर्च और गहरे समुद्र की जांच पड़ताल के लिए किया जाता है
आजकल कंप्यूटर, यूनिवर्सिटीज में शिक्षा तकनीक का एक अहम हिस्सा है।
बिजनेस ऐप्लीकेशन
कम कीमत के कारण PC आजकल छोटे व्यापारियों द्वारा भी अपना अकाउंट मेंटेन करने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं कंप्यूटर का प्रयोग मल्टीनेशनल कंपनीज के द्वारा पूरे विश्व में उनका बिजनेस मैनेज करने के लिए हो रहा है|
कंप्यूटर मैनेजमेंट को बिजनेस पोजीशन के बारे में अपडेटेड सूचना बहुत कम कीमत पर प्रदान करते हैं इसीलिए मैनेजर बिजनेस से संबंधित निर्णय सही तरीके से एवं बिना किसी देरी के ले सकते हैं| कंप्यूटर का प्रयोग करके मैनेजर सिमुलेशन या व्हाट इफ एनालिसिस भी कर सकते हैं ताकि वे यह जान सके कि भविष्य में उनके इस निर्णय का असर बिजनेस पर कैसा होगा।
मनोरंजन
मूवीज, एनीमेशन फिल्म्स, न्यूज़पेपर्स और टीवी में आने वाले विज्ञापन, आदि में कंप्यूटर का व्यापक प्रयोग होता है आपने एक टीवी शो में कौन बनेगा करोड़पति सीरियल देखा होगा जहां दर्शकों को आकर्षित करने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है मनोरंजन इंडस्ट्री कंप्यूटर का प्रयोग मूवीस के प्रोडक्शन की योजना बनाने एवं विभिन्न प्रकार के स्पेशल इफेक्ट्स बनाने में भी करती है अधिकतर एनिमेशन फिल्म एक कंप्यूटर पर ही बनाई जाती हैं और बाद में इन्हें टेलीविजन माध्यम पर ट्रांसफर किया जाता है।
संचार
ईमेल या इलेक्ट्रॉनिक मेल जहां हम लंबे मैसेज, रिपोर्ट आदि को विश्व में कहीं भी, बहुत सारे लोगों को, बहुत ही कम कीमत पर भेजने के लिए, एक कंप्यूटर और एक टेलीफोन लाइन का प्रयोग करते हैं संदेशों को ट्रांसफर करने में ईमेल के प्रयोग से समय एवं कागज की बचत होती है इसके अलावा जो व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक मैसेज प्राप्त करता है वह इन्हें अपने पीसी पर सेव कर सकता है ताकि बाद में इनका प्रयोग कर सके उन्हें पढ सकता है उनका उत्तर दे सकता है उन्हें आगे किसी और को फॉरवर्ड कर सकता है या उन्हें कंप्यूटर से डिलीट कर सकता है कंप्यूटर का प्रयोग कम कीमत पर दूसरे देश के लोगों से टेलीफोन पर बात करने के लिए भी किया जाता है हम इसे इंटरनेट टेलीफोनी कहते हैं।
चिकित्सा
चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर्स का प्रयोग मरीजों का रिकॉर्ड रखने जैसे बहुत सरल कार्य से लेकर, सर्जरी के दौरान रोबोट का कंट्रोल करने में सर्जन्स की मदद करने जैसे जटिल काम में भी होता है कंप्यूटर हार्ट-बीट, ब्लडप्रेशर आदि को मॉनिटर करने के लिए भी बनाए जाते हैं और यह मरीजों की हिस्ट्री भी मेंटेन करते हैं।
इंजीनियरिंग
कंप्यूटर्स का प्रयोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में, डिजाइन स्टेज से लेकर मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस कंट्रोल में भी किया जाता है कंप्यूटर एडेड डिजाइन ने किसी भी मशीन को वास्तव में बनाएं बिना ही उसकी डिजाइनिंग टेस्टिंग और मॉडिफाइग को संभव बनाया है अब कोई भी व्यक्ति, अंतिम प्रोडक्शन का निर्णय लेने से पहले कंप्यूटर जनरेटेड इमेज पर उस मशीन को देख और सिमुलेट कर सकता है एक बार जब डिजाइन एक्सेप्ट हो जाती है तो कंप्यूटर एडेड मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया का प्रयोग करके, कोई भी व्यक्ति इस तरह के प्रोडक्ट को बड़ी संख्या में तेजी से और कम मेहनत से बना सकता है
कंप्यूटर का प्रयोग आर्किटेक्ट्स द्वारा बड़ी बिल्डिंग को ड्रा और डिजाइन करने तथा ये भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा को झेलने में समर्थ होंगे या नहीं इसकी जांच करने में किया जाता है एक होने वाला मकान मालिक यह भी अनुभव कर सकता है कि वह बिल्डिंग के अंदर एक रूम में है और उसे अलग अलग एंगल से देख सकता है जिसमें अलग-अलग प्रकार के फर्नीचर अरेंजमेंट लाइटिंग और वाल कलर्स आदि शामिल हैं इसमें बिल्डिंग बनाने के बाद यदि कोई भी डिजाइन में परिवर्तन चाहता है तो उससे बचा जा सकता है|
पुस्तक प्रकाशन
डेस्कटॉप पब्लिशिंग कंप्यूटर के कुशल उपयोग के कारण ही एक नया क्षेत्र बनाया गया| और कंप्यूटर एवं एक लेजर प्रिंटर की मदद से कोई भी पुस्तकों को आसानी से डिजाइन करके लिखा जा सकता है आजकल डेस्कटॉप के प्रयोग से देश के विभिन्न भागों में न्यूज़पेपर को डिजाइन किया जाता है इन्हें एक जगह पर प्रिंट किया जाता है और फिर इनका डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है ताकि यह हमें रोज सुबह मिल सकें| पुस्तक लिखने के कई कार्य जो पहले हाथ से किए जाते थे जैसे इंडेक्स बनाना आदि और इनमें कई घंटे लगते थे अब ऑटोमैटिक रूप से पर्सनल कंप्यूटर और डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर जैसे एमएस वर्ड की मदद से किए जा सकते हैं।
बैंक्स में
बैंक में कंप्यूटर्स का व्यापक प्रयोग होता है कंप्यूटर के उपयोग ने हीं बैंक्स को उनके द्वारा दी जाने वाली कई सुविधाएं बेहतर बनाने की अनुमति प्रदान की| अब कोई भी व्यक्ति एटीएम का प्रयोग दिन के 24 घंटे में कभी भी कैश जमा करने और निकालने के लिए कर सकता है अब बैंक अकाउंट का पूरा बुककीपिंग का काम कंप्यूटर के द्वारा ही होता है अब डिपाजिट, विथड्राअल,इन्ट्रेस्ट
चार्जेस आदि के बारे में सूचना, कंप्यूटर द्वारा ही मैनेज की जाती है|
जब बैंक की अलग-अलग ब्रांचेज कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा कनेक्टेड होती हैं तो चेक्स की क्लियरिंग भी कंप्यूटर्स द्वारा तुरंत की जा सकती है इसके अलावा यदि बैंक की ब्रांचेस
इंटरकनेक्टेड होती है तो कोई भी व्यक्ति बैंक की किसी भी ब्रांच से पैसा निकाल सकता है या उसमें जमा कर सकता है।
गेम्स
आप कंप्यूटर पर घंटो तक गेम्स खेल सकते हैं गेम्स मनोरंजक और शिक्षाप्रद दोनों तरह के हो सकते हैं एक्शन गेम्स आपको कठिन परिस्थितियों में फाइट करके भी अपना रास्ता निकालने की पोजीशन में डालते हैं आप एक स्पेस पायलट की तरह अनुभव कर सकते हैं जो स्पेस पर आक्रमण करने वालों से लड़ता है या आप एक छोटी सी चीज बनकर भूतों से बचने का अनुभव कर सकते हैं एडवेंचर गेम्स,मुख्य
श्रेणी के कंप्यूटर गेम्स हैं इस तरह के गेम्स,लोकप्रिय गेम होते हैं अन्य गेम्स आप को लॉजिकल का प्रयोग करके प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए कहते हैं आप या तो एक मर्डर मिस्ट्री सॉल्व कर रहे होते हैं या एक क्रेजी बर्ड के साथ लड़ रहे होते हैं| दोनों ही उदाहरण में आपको सोचना होगा कि आप क्या करने जा रहे हैं| अन्य प्रकार के कंप्यूटर्स
गेम्स में फुटबॉल, क्रिकेट, कार्ड
गेम आदि का सिमुलेशन शामिल है।
शिक्षा
कंप्यूटर बेस्ड ट्रेनिंग, कंप्यूटर असिस्टेड लर्निंग और कंप्यूटर असिस्टेंट इंस्ट्रक्शन प्रोग्राम उपलब्ध है जिनका प्रयोग करके आप बेसिक से लेकर एडवांस्ड विषय जैसे मैथ्स, फिजिक्स, बायोलॉजी आदि सीख सकते हैं रिसर्चर्स का यह विश्वास है कि जब एक नया कांसेप्ट स्टूडेंट्स के सामने एक कंप्यूटर से ऑडियो वीडियो माध्यम के द्वारा लाया जाता है तो वे उस विषय को बेहतर तरीके से और जल्दी सीख सकते हैं।
पर्सनल
आजकल लोग भी कंप्यूटर का प्रयोग अपने रिकार्ड्स कीपिंग के लिए और अपने इन्वेस्टमेंट, इन्कम, एक्सपेंडीचर तथा सेविंग्स की एनालिसिस करने के लिए करते हैं एमएस मनी नाम का एक पर्सनल फाइनैन्शियल पैकेज इसी तरह के काम के लिए उपलब्ध है यह पैकेज इन्कम, इंट्रेस्ट,इन्श्यारेंस आदि को कैलकुलेट करने एवं पेमेंट के लिए चेक्स फिल करने तथा इन्कम टैक्स कैलकुलेशन्स में मदद करते हैं।
nice sir Ccc Syllabus in Hindi
ReplyDeleteHaha
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